Hindi Kavita : Hriday | ह्रदय -ऋषभ कर्ण नमस्कार मित्रो , उम्मीद करता हूँ की आप सकुशल होंगे। वैसे देखा जाए तो कुशलता और अकुशलता दोनों ...
Hindi Kavita : Hriday | ह्रदय -ऋषभ कर्ण
नमस्कार मित्रो , उम्मीद करता हूँ की आप सकुशल होंगे। वैसे देखा जाए तो कुशलता और अकुशलता दोनों तो बस दो शब्द मात्रा है अब इसके अन्तः भाव तो लोगो के मन में बसे होते है जो वो अपने पास ही रखते है। मैंने एक चीज़ और देखा है कुशल लोग दुसरो के सामने अपने आप को अकुशल बताते है तो वही अकुशल लोग स्वयं को कुशल बताते है। अब इसके पीछे क्या वजह रही होगी इस पर कोई टिपण्णी करने का विचार तो नहीं पर मानवता के मूलभूत नियमो में बंधे होने के कारण एक बार और आपको अपनी उम्मीदी दिखा ही देता हूँ की आप सकुशल होंगे।
बाते तो शायद बहुत हो गयी और कुछ गहरी भी , लेकिन गहरा तो कुआ भी होता है पर फिर भी हम उसमे से बार बार पानी निकालने की ज़ुर्रत करते है तो आप भी दो - तीन बार मन मार के पढ़ लीजियेगा। खैर , आज का मुद्दा क्या है ? तो दोस्तों मैं आज आपके लिए अपनी एक छोटी सी कविता लाया हूँ जिसका शीर्षक है " ह्रदय "। कविता पूरा पढियेगा फिर आपको पता लगेगा की ऊपर मैंने अपनी बातो को इतना घुमा फिरा कर क्यूँ कहा था।
ह्रदय
ह्रदय विहंगित , पथ विचलित
मन मेरा ना स्थिर चित
ह्रदय विदारक है मीत
असत्य है उसका प्रीत
मेरा विश्वास है अवरोहित
स्पष्ट है सब , पर ये दाग है अमिट
मन विदेहक हुयी हमारी रीत
फिर भी लब से निकल रहे है गित
प्रणय का बंधन था पर राह चले विपरीत
नए - नए बंधुओ का यही है अब नीत
समर संग्राम है , दूर है अभी ज़ीत
हारे है वो , जो जीते है अतीत
Hriday vihangit path vichlit
Man mera na sthir chit
Hriday vidarak hai meet
Asaty hai uska preet
Mera vishwas hai ab avrohit
Spasht hai sab , par ye daag hai amit
Man videhak hui hamari reet
Fir bhi lab se nikal rahe hai geet
Pranay ka bandhan tha , par raah chale vipreet
Naye - Naye bandhuo ka yahi hai ab neet
Samar sangram hai , door hai abhi jeet
Haare hai wo , jo jeete hai ateet
अब आपने यहाँ तक पढ़ लिया तो उम्मीद करूंगा की आपको पसंद आया होगा और ऊपर जो मैंने कहा था की कविता पढ़ने के बाद ही आपको पता लगेगा की मैंने शुरू में इतना घुमा फिर के क्यूँ कहा। कारण यही है कविता भी थोड़ा सा चंचल है जो सीधे रास्ते के बजाय थोड़े से भीड़ भार और टेढ़े मेढ़े रास्तो से गुजर रहा है। अगर कोई शब्दार्थ समझना हो तो आप कमेंट करके हमे बताइयेगा और अगर कविता अच्छा लगा हो तो भी अपनी राय जरूर बताइयेगा कमेंट में।
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